अमोल मालुसरे कौन है

Saturday 23 April 2011

भ्रष्टाचार निवारण पर प्रश्नोत्तर

भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988
रिश्वत और भ्रष्टाचार निवारण क वर्तमान विधियों को समेकित एवं संशोधित करने का अधिनियम।
भारतीय गणराज्य के उनतालीसवें वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप से अधिनियमित हों-
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम  का  संक्षिप्त नाम और विस्तार –
1)  यह अधिनियम भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 कहा जा सकेगा।
2)  इसका विस्तार जम्मू और कश्मीर राज्य के सिवाय संपूर्ण भारत पर है और यह भारत के बाहर भारत के सब नागरिकों पर भी लागू है।
भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम को अधिक जानने के लिए नीचे प्रदर्शित लिंक पर क्लीक कीजिये




खाद्य अपमिश्रण पर प्रश्नोत्तर




खाद्य पदार्थ के अपमिश्रण द्वारा जनता की स्वास्थ्यहानि को रोकने के लिए प्रत्येक देश में आवश्यक कानून बनाए गए हैं। भारत के प्रत्येक प्रदेश में शुद्ध खाद्य संबंधी आवश्यक कानून थे, किंतु भारत सरकार ने सभी प्रादेशिक कानूनों में एकरूपता लाने की आवश्यकता का अनुभव कर, देश-विदेशों में प्रचलित काननों का समुचित अध्ययन कर, सन्‌ 1954 में खाद्य अपमिश्रण निवारक अधिनियम (प्रिवेंशन ऑव फ़ूड ऐडल्टशन ऐक्ट) समस्त देश में लागू किया और सन्‌ 1955 में इसके अंतर्गत आवश्यक नियम बनाकर जारी किए। इस कानून द्वारा अपद्रव्यीकरण तथा झूठे नाम से खाद्यों का बेचना दंडनीय है।


खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम
Prevention of Food Adulteration Act

खाद्य के अपमिश्रण के निवारणार्थ उपबन्ध बनाने के लिए अधिनियम ।
भारत गणराज्य के पांचवे वर्ष में संसद द्वारा निम्नलिखित रूप में यह अधिनियम हों-

खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम - विस्तार और प्रारम्भ
1) इस अधिनियम का संक्षिप्त नाम खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम, 1954 है।
2) इसका विस्तार संपूर्ण भारत पर है।
3) यस उस तारीख को प्रवृत्त होगा जिसे केन्द्रीय सरकार, शासकीय राजपत्र में अधिसूचना द्वारा, नियत करे।
खाद्य अपमिश्रण निवारण अधिनियम को अधिक जानने के लिए नीचे प्रदर्शित लिंक पर क्लीक कीजिये
www.preventionoffoodadulterationact.wordpress.com

Saturday 2 April 2011



कानून की जानकारी देने वाला ब्लॉग

मेरे इस चिटठे पर आपको नियम व कानून की जानकारी हिन्दी में मिलेगी। आपको जिस भी विषय या समस्या की जानकारी चाहिये Right side के Column में उससे सम्बंधित शब्द पर click करें । आपकी समस्या से सम्बंधित जानकारी आपको मिल जायेगी। यदि आपको जो जानकारी चाहिये वह जानकारी इस ब्लॉग पर वर्तमान में उपलब्ध ना हो तो comments लिखकर मुझे जानकारी दिजीये मैं यथासम्भव शिघ्रता शिघ्र आपको अपेक्षित जानकारी उपलब्ध कराने का प्रयत्न करूँगा यदि समय हो तो निचे लिखी पंक्तियों को पढ़िये और हिम्मत हो अनुसरण करने जोखिम उठाईयें।
न किसी से डरिये, ना किसी को डराईये
ना घुस लिजिये, ना घुस दिजीये
न किसी का हक छीनिये, न किसी को अपना हक छिनने दिजीये
यदि सचमुच आप चाहते ऐसा करना
तो बस आपना विधिक ज्ञान बढ़ाईये और विधिक साक्षर कहलाईये
अपना व अपने देश का आत्म सम्मान बढ़ाईये
अन्यथा जिहूजुरी व चापलूसी कर अपनी इज्जत व आत्मसम्मान यू हि गवाईये
रोज गँवाते आ रहे हैं और बिन्दास मरते तक यूं ही गँवाते रहिये।
क्योकिं इज्जत भगवान की ऐसी देन है जो कभी खत्म नहीं होती है समझे । !!!!!!

Thursday 24 March 2011

अमोल मालुसरे कौन है ?


          
                 
अमोल मालुसरे कौन है ?
मुझसे मिलकर अक्सर लोगों को यह भ्रम हो जाता है कि मैं पेशे से वकील हूँ क्योकि मुझे जब भी भ्रष्टाचार जैसी सामाजिक बुराइयो॔ के खिलाफ आवाज उठाने के लिये न्यायपालीका की शरण में जाने की जरूरत पड़ती है मैं भ्रष्टाचारी के खिलाफ न्यायालय में वाद प्रस्तुत करने से नहीं चूकता हूँ व समाज सेवा का कार्य करता हूँ। अतः मेरे परिचितों को यह भ्रम हो जाता हैं कि मैं पेशे से वकील हूँ विशेषकर उन लोंगो को अधिक होता है, जो मेरी जन्म भूमि छत्तीसगढ़ राज्य से संम्बोधित होते है। ऐसा ही पर थोडा सा अलग भ्रम मेरी कर्म भूमी रही पूणे, नागपूर और दिल्ली में मुझे जानने वाले लोग को होता है कि मैं छ्तीसगढ़ प्रान्त का कोई बड़ा व्यवसायी व राजनैतिज्ञ हूँ, मेरे प्रति लोगों को यह भ्रम होना स्वाभाविक है, क्योंकि मैं पेशेवर गेस्ट राईटर हूँ और भूगतान के बदले पुस्तक, लेख, कहानी, रिपोर्ट आदि लिखने का कार्य करता हूँ। मैं भूगतान के बदले लिखता हूँ, अतः स्वाभाविक सी बात है कि लिखने का श्रेय भूगतान करने वाले को ही मिलता है और भूगतान करने वाला कोई ना कोई विशिष्ठ व पसे वाला व्यक्ती हि होता है। भाग्य से विगत् कुछ ही वर्षों में बिजनेस राईटिंग के क्षेत्र में भी मै अधिक सफल हो रहा हूँ और वर्तमान में कानून की जानकारी सर्व करने वाली वेब साईट के लिए अपनी सेवाएं दे रहा हूँ परिणाम स्वरूप  मुझे उच्च न्यायालय की कार्यप्रणाली को समझने का व सफल अधिवक्ताओं के संग कार्य करने का अवसर भी प्राप्त कर रहा है। इन्टरनेट व कानून दोनों ही क्षेत्रों में एक साथ कार्य करने के मेरे अनुभव के आधार पर मैं आम लोगो को रोजाना जरूरत पडने वाले अधिनियम की जानकारी ब्लॉग के माध्यम से वेब पर प्रकाशित कर रहा हूँ जिससे की सभी को कानून को समझने में आसानी हो और मैं अपनी लेखन क्षमता से सभी को अवगत करा सकूँ। समाज सेवा का मेरा यह अनोखा तरीका अवश्य हि मूझे अलग पहचान दिलायेगा साथ हि साथ लोगो का मेरे प्रती भ्रम टूटेगा।

Sunday 20 March 2011

वेब साक्षरता पर प्रश्नोत्तर

ब साक्षरता पर प्रश्नोत्तर

जनाब ! क्या आप वेब साक्षर हैं ?

इन्टरनेट नहीं आता है आप को ?

तो जानिए इसके बारे में और

इन्टरनेट को अपना ज्ञान व आमदनी बढ़ाने का जरिया बनाइये ।

Your Web Introducer 

इन्टरनेट के उपयोग असीमित है। आज इन्टरनेट के उपयोग के क्षेत्र का अंदाजा लगाना एक कठिन कार्य है । किन्तु, इनके प्रमुख उपयोग निम्न है –

यात्रा से सम्बन्धित सूचना प्राप्त करने में।
* शेयरों के क्रय- विक्रय तथा उनके मूल्य की न्युनतम जानकारी के लिए।
* सामान का क्रय – विक्रय करने में।
* नौकरी की तलाश के लिए।
* भाषा सीखने के लिए।
* विश्व के किसी भी कोने में मित्र बनाना।
* विभिन्न प्रतियोगिताओं में भाग लेना।
* सॉफ्टवेयर को डाउनलोड करने के लिए।
* विभिन्न संस्थाओं, प्रतिष्ठानों, संग्रहालय, पुस्तकालय आदि के संसाधनों को एक्सेस करना,
* तथा इलेक्ट्रानिक रूप में उनका भ्रमण अर्थात् Visit  करना।
* मित्रों से बात करने के लिए जो हजारो मीलों दूर है।
* अपना होम पेज बनाना।
* किसी विषय पर दुनिया के लोगों का विचार जानना तथा अपने विचारों को उनके बीच साझा करना।
* हवाई यात्रा, रेल यात्रा, तथा होटल में स्थान सुरक्षित कराना।
* दुनियाभर के स्टॉक एक्स्चेंजो से शेयर की कीमत जानना।
* ऐसे समाचार पढ़ना जो आपको स्थानीय स्तर पर उपलब्ध नहीं है तथा उसे मँगाना बहुत अधिक महँगा है ,
उदाहरणार्थ – न्युयार्क टाइम्स समाचार पत्र जो यूनाइटेड स्टेटस में प्रकाशित होती है भारत के किसी
भी गाँव या शहर में बैठे – बैठे इन्टरनेट की माध्यम से पढ सकते है।
* नियम कानून को जानना।
* सरकारी विभागों के वेबसाईट पर जाकर उनकी कार्यप्रणाली को जानना।
* आवश्यक वस्तुओं का बाजार मूल्य को जानना।
* विडियो चैट करना।
* बीमारियों का इलाज खोजना व वैश्विक स्तर बीमारियों पर किये जा रहे खोज को जानना।
* शोध कार्य के लिये उपयोग करना।
1) ई – मेल भेजना और प्राप्त करना।
2)  Chatting करना ।
3) Blog बनाकर अपनी अभिव्यक्ति को अभिव्यक्त करना ।
4) Web Brousher  जैसे Yahoo, Google , Mozilla का उपयोग कर नई नई जानकारी प्राप्त करना ।
5) शासकीय एंव निजी  Web Site को visit  करना।
6) Voice Chatting  करना।
7) Movie , Picture को download और upload करना।
8) Internet  पर दुनिया भर के अखबार पढना ।
9) Google Earth के माध्यम से दुनिया के मन चाहे हिस्से को घर बैठे देखना।
10) E – greeting व  Internet से Free SMS भेजना ।
11)  Online Reservation and Sale Purchase करना ।
12)  facebook  पर अपने   बचपन के मित्रों को खोजना और उनके साथ अपनी भूली बिसरी यादों को ताजा करना।
13) Free Lancer जैसी साईट पर Register हो Online Global Clients तक अपनी काबिलियत को पहुँचाना और अपने Profession को Global Touch देना ।
14) Forum Site पर अपनी समस्याओं को रखना, अन्य लोंगो की समस्याओं का समाधान कर अपनी काबिलीयत को परखना।
15)  अपनी आमदनी को बढाने में  Internet का इस्तमाल करना।

वेब साक्षरता  को अधिक जानने के लिए नीचे प्रदर्शित लिंक पर क्लीक कीजिये

yourwebtutorial.wordpress.com

मरीजों के अधिकार पर प्रश्नोत्तर


स्व सहायता समूह पर प्रश्नोत्तर




स्व सहायता समूह
Self help group
स्व सहायता समूह  / (SHG) Self Help Group
अर्थात स्वंय की सहायता करने वाला समूह

स्व सहायता समूह की बैठक विवरण पंजी का प्रारूप

स्व सहायता समूह की  ऋण विवरण पंजी का प्रारूप
 स्व सहायता समूह की बचत सूची पंजी ( बैंक संबंधी विवरण) का प्रारूप
स्व सहायता समूहों के कार्य निष्पादन का आकलन करने के लिये जाँच सूची
स्व सहायता समूहों के जरुरी  प्रश्नों के उत्तर जैसे  

SHG कौन बना सकता है ?
 SHG कैसे बना सकता है?
 SHG कब बना सकता है ?
SHG बनाने के क्या - क्या फायदे हैं ?
समूह में कितने सदस्य होने चाहिये
इत्यादि प्रश्नों के उत्तर जानने के लिए नीचे प्रदर्शित लिंक पर क्लीक कीजिये व आपके प्रश्नों के उत्तर जानिए हिंदी में